https://www.youtube.com/watch?v=r8ISOtvMS9o
ओ जानेवाले हो सके तो लौट के आना ये घाट तू ये बाट कहीं भूल न जाना बचपन के तेरे मीत तेरे संग के सहारे ढूँढेंगे तुझे गली\-गली सब ये ग़म के मारे पूछेगी हर निगाह कल तेरा ठिकाना ओ जानेवाले... है तेरा वहाँ कौन सभी लोग हैं पराए परदेस की गरदिश में कहीं तू भी खो ना जाए काँटों भरी डगर है तू दामन बचाना ओ जानेवाले... दे दे के ये आवाज़ कोई हर घड़ी बुलाए फिर जाए जो उस पार कभी लौट के न आए है भेद ये कैसा कोई कुछ तो बताना ओ जानेवाले...
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